अधि भार सुरक्षा ( Over Current Protection )
अधिभार Over Load
जब हम किसी सॉकेट में एक से अधिक उपकरणों को लगाते हैं तो उस सॉकेट के लिए लोड, ओवर लोड कहलाता है | मान लो किसी व्यक्ति की क्षमता 8 रोटी और सब्जी खाने की है और उसे 16 रोटी और सब्जी खिलाएं तो क्या होगा यह भी उसके लिए ओवर लोड है।
यदि कोई मजदूर 60 किग्रा बजन उठा सकता है यदि उसकी पीठ पर 120 किग्रा बजन रख दिया जाये तो क्या होगा - ओवर लोड होगा |
इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक्स में भी जब हम सर्किट में निर्धारित मान से अधिक करंट या अधिक लोड संयोजित करते हैं तो इस ओवर लोड के कारण, सर्किट के कंडक्टर गर्म हो जाते हैं | जिससे उसका इंशुलेशन ख़राब हो जाता है ख़राब इंशुलेशन के कारण शार्ट सर्किट हो जाता है और अत्यधिक करंट का प्रवाह होता है। जिससे आग भी लग जाती है | इसलिए हम रेटिंग के अनुसार ही प्रोटेक्शन डिवाइस फ्यूज, सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करते हैं |
प्रश्न 1 - अधिभार सुरक्षा ( Over Current Protection ) से आप क्या समझते हैं |
उत्तर - जब किसी परिपथ में धारा का प्रवाह उसकी निर्धारित रेटिंग से अधिक पर हो तो उस अतिरिक्त धारा के प्रवाह को रोकने के लिए, जिस डिवाइस का उपयोग किया जाता है ओवर करंट प्रोटेक्शन डिवाइस कहलाती है |
जैसे -रिले, फ्यूज, सर्किट ब्रेकर इत्यादि |
प्रश्न 2 - ओवर करंट संरक्षण उपकरण की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर - जब किसी चालक में धारा का प्रवाह होता है, तो उसमे ऊष्मा का भी प्रवाह होता है | किसी चालक में धारा की मात्रा का प्रवाह जैसे-जैसे बढ़ता है, चालक में में ऊष्मा का मान भी बढ़ता है और तार गर्म हो जाता है अत्यधिक धारा के प्रवाह के कारण उपकरण क्षति ग्रस्त हो जाते हैं, शार्ट सर्किट, ओपन सर्किट व ग्राउंड फॉल्ट जैसे फॉल्ट हो जाते है इन दोषों को दूर करने के लिए उपकरणों को सुरक्षित उपयोग करने के लिए उनकी करंट क्षमता के अनुसार रेट किया जाता है, इस करंट की क्षमता को ही उपकरण की रेटिंग कहते हैं | फ्यूज, सर्किट ब्रेकर उसी रेटिंग का इस्तेमाल करते हैं।
तार की एम्पीसिटी उसके क्षेत्रफल / गेज पर निर्भर करती है -
तार के गेज (स्टेंडर्ड वायर गेज) का मान जितना बढ़ता है, उसकी मोटाई / कटाक्ष क्षेत्रफल भी कम हो जाता है |
किसी चालक तार की मोटाई अधिक हो और गेज मान का कम होने पर धारा की एम्पीसिटी / रेटिंग बढ़ती है |
प्रश्न 3 - परिपथ में अत्यधिक करंट के प्रवाह से होने वाले फॉल्ट को बचाने के लिये क्या करें ?
उत्तर - रेटिंग से अतिरिक्त करंट के प्रवाह की सुरक्षा को ओवर करंट प्रोटेक्शन कहा जाता है | सर्किट ब्रेकर तथा फ्यूज जैसे ओवर करंट प्रोटेक्शन डिवाइस का उपयोग करेें, जो कि रेटिंग से अतिरिक्त धारा के प्रवाह को परिपथ ( CIRCUIT ) में जाने नहीं देता | यह परिपथ को हीटिंग से भी बचता है बाजार में उपलब्ध फ्यूज को रेटिंग के अनुसार उपयोग में लाया जाना चाहिए |
प्रश्न 4 - परिपथ में ओवर करंट प्रवाह होने के क्या कारण होते हैं |
उत्तर - ओवर करंट होने के निम्न कारण होते हैं |
1. अधिभार Over Load
2. लघु परिपथ Short Circuit
3. अर्थिंग दोष Graund Fault
अधिभार ( OVER LOAD )
जब हम किसी एक सॉकेट से कई सारे उपकरणों को चलाया जाता है तब उस सॉकेट में से उसकी क्षमता से अधिक धारा का प्रवाह होता है इस घटना को ओवर लोड कहते हैं | ओवर लोड होने से सॉकेट गर्म होने लगता है जिससे परिपथ Circuit के जलने की सम्भावना हो जाती है |
किसी सॉकेट को जिस कार्य के लिए डिजाइन किया जाता है, जिस रेटिंग के लिए उपयुक्त है उससे अधिक मात्रा की करंट देना ओवर लोड कहलाता है।
उदाहरण के लिए जब कोई जनरेटर को 10 एम्पियर की क्षमता के लिए बनाया गया है और उस पर 20 से 30 A का लोड डाला जाता है तो वह ओवर लोड कहलाता है |
जब हम एक ही सॉकेट से अलग अलग लोड के उपकरण जैसे - कूलर, पंखा, टेलीविजन, वाशिंग मशीन को संयोजित किया जाता है परिपथ में अधिभार दर्शाता है जिसके कारण उस परिपथ में अधिक धारा का प्रवाह होता है और अधिक धारा के प्रवाह के कारण सॉकेट गर्म होकर जल जाता है अर्थात कम रेटिंग का सॉकेट जल जाता है |
उदाहरण के लिए अधिकतर हम घरों में देखते हैं की जब हम हीटर के तारों को किसी 5 एम्पियर की क्षमता वाले सॉकेट में लगाते हैं तो कुछ दिनों बाद वह गर्म होकर जल जाता है इसी लिए हीटर के तारों को 16 एम्पियर वाले पावर सॉकेट में लगाना चाहिए।
निम्न उपकरणों के लोड निम्नानुसार है |
छत का पंखा - 60 वाट
कूलर - 200 वाट
फ्रिज - 250 वाट
मिक्सर एंड जूसर - 450 वाट
वाशिंग मशीन - 750 वाट
ट्यूबलाइट - 40 वाट
उदाहरण - एक कमरे में यदि 1 ट्यूबलाइट, एक सीलिंग फेन और एक टेलीविजन लगा है, कमरे में कितना लोड है |
1 ट्यूबलाइट - 40 वाट
1 सीलिंग फेन - 60 वाट
1 टेलीविजन - 150 वाट
कुल लोड - (40 + 60 + 200 = 300 वाट )
अब बच्चों आप अपने-अपने घर का लोड इस इसी प्रकार निकालिये |
लघु परिपथ Short Circuit
लाइन टू लाइन या लाइन टू न्यूट्रल तारों के मध्य सीधा संयोजन के कारण शार्ट सर्किट होता है | सर्किट में नगण्य प्रतिरोधकता पथ बनने के कारण शार्ट सर्किट होता है |
यह दोष सामान्यतः इंशुलेशन के ख़राब होने के कारण होता है, जब परिपथ में न्यूट्रल और फेज का इंशुलेशन ख़राब हो जाता है तो तार सीधे ही सम्पर्क में आ जाते है जिसके कारण उनके बीच कम से कम प्रतिरोधकता होती है और अति धारा प्रवाहित होती है, तो स्पार्क उत्पन्न होती है यह शार्ट सर्किट के कारण होता है |
लघुपरिपथ होने के कारण।
लाइव तार तथा उदासीन तार के मध्य कम से कम प्रतिरोधकता होना |
धारा का मान अनन्त होता है |
अर्थिंग दोष
जब विद्दुत
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