Motion ( गति ) गुरुत्वाकर्षण, वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस by Deepak Sharma
वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस
गति के नियम, गति के समीकरण, गति से सम्बंधित न्यूमेरिकल प्रॉब्लम्स, गुरुत्व, गुरुत्वाकर्षण बल, नियतांक
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती है
जैसे - विस्थापन, वेग, आवेग, त्वरण, बल तथा भार इत्यादि |
अदिश राशि - वे राशियाँ जिन्हें व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है अदिश राशि कहलाती है |
जैसे - द्रव्यमान, आयतन, दाव, घनत्व, चाल, कार्य, शक्ति तथा ऊर्जा इत्यादि |
गति की दो अवस्थाएँ होती है
गतिज अवस्था - यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन होता है, गतिज ऊर्जा कहलाती है |
जैसे - सड़क पर चलती कार, आकाश में उड़ता पंक्षी
विराम अवस्था - यदि किसी वस्तु की स्थति में समय के साथ कोई परिवर्तन नहीं होता, स्थितिज ( विराम अवस्था ) कहलाती है |
जैसे - मेज पर रखी किताब, टंकी में भरा पानी
गति के प्रकार -
रेखीय गति - यदि कोई गतिमान वस्तु सीधी रेखा में गति करती है, तो उसे रेखीय गति कहते है -
जैसे पेड़ से गिरता फल
अनियमित गति - यदि कोई गतिमान वस्तु अपनी दिशा निरंतर बदलती रहती है
जैसे - फूलों पर मंडराता भंवरा
दोलनीय गति - यदि कोई गतिशील वस्तु अपने मार्ग के किसी नियत बिन्दु के इधर - उधर अथवा ऊपर नीचे गति करती है |
जैसे सरल की गति, झूले की गति |
वृत्तीय गति - यदि कोई वस्तु वृत्त के पथ पर घूमती है तो यह गति वृत्तीय गति कहलाती है |
दूरी तथा विस्थापन में अंतर
दूरी - गतिमान वस्तु द्वारा किसी समय में तय की गयी लम्बाई, दूरी कहलाती है, उस वस्तु द्वारा चली गई दुरी कहलाती है | दूरी का मात्रक मीटर है यह एक अदिश राशि है |
विस्थापन - किसी गतिमान वस्तु द्वारा प्रारम्भिक बिन्दु से अंतिम बिन्दु के बीच की न्यूनतम दूरी विस्थापन कहलाती है यह एक सदिश राशि है, ये धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य भी हो सकता है |
त्वरण - समय के साथ वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को वस्तु का त्वरण कहते है | इसका मात्रक मीटर प्रति वर्ग सेकण्ड है यह एक सदिश राशि है |
a = (v - u)/ t
जब त्वरण का मान ऋणात्मक होता है तो वह मंदन कहलाता है |
गति का समीकरण -
v = u + at
s = ut + 1/2 at२
v२ = u२ + 2as
n वे सेकण्ड में चली गई दूरी
Sn = u + 1/2 a(2n -1)
जहाँ u = वस्तु की प्रारम्भिक वेग, मीटर प्रति सेकण्ड में
v = वस्तु का अंतिम वेग, मीटर प्रति सेकण्ड में
a = वस्तु का त्वरण, मीटर प्रति सेकण्ड में
s = विस्थापन, मीटर में
t = समय, सेकण्ड में
पृथ्वी के गुरुत्व की गति का समीकरण
v = u + gt
h = ut + 1/2 gt२
v२ = u२ + 2gh
जहाँ h = ऊँचाई, मीटर में , g = गुरुत्वीय त्वरण
जब वस्तु को ऊपर से नीचे की ओर फैकते हैं तब g का मान धनात्मक और इसके विपरीत नीचे से ऊपर की ओर फेंकते हैं तो g का मान ऋणात्मक होता है | g का मान 9.8 मीटर प्रति वर्ग सेकण्ड
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार -
गुरुत्वाकर्षण बल, F = G M1M2/ r२
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान 6.67x10^ -11 न्यूटन वर्ग मीटर प्रति वर्ग किलोग्राम
यह एक अदिश राशि है
भू मध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर g का मान बढ़ता जाता है |
पृथ्वी की सतह से ऊँचाई बढ़ने पर गुरुत्वाकर्षण त्वरण का मान घटता जाता है |
बल = द्रव्यमानxत्वरण
भार व द्रव्यमान में अंतर
भार - किसी वस्तु का भार उस बल के बराबर होता है, जिससे पृथ्वी उस वास्तु को आकर्षित करती है | भार का मात्रक न्यूटन अथवा किलोग्राम भार है, भार W = Mg होता है g के कारण वस्तु का भार अलग - अलग स्थानों पर अलग अलग होगा यह एक सदिश राशि है इसे मापने के लिए स्प्रिंग तुला का उपयोग करते हैं |द्रव्यमान - किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा ही उसका द्रव्यमान होता है | द्रव्यमान का मात्रक किलो ग्राम है यह एक अदिश राशि है जिसका मान सभी जगह सामान रहता है, द्रव्यमान को भौतिक तुला से मापा जाता है
कोणीय वेग - समय के सापेक्ष कोणीय विस्थापन की दर को कोणीय वेग कहते हैं
कोणीय त्वरण - कोणीय वेग के परिवर्तन की दर को कोणीय त्वरण कहते हैं
न्यूटन के गति का नियम
प्रथम नियम = इसे हम जड़त्व का नियम भी कहते हैं, यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में रहेगी यदि वह गतिज अवस्था में है तो गतिज अवस्था में रहेगी जब तक की इस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाये |
द्वितीय नियम - संवेग में परिवर्तन की दर, लगाए गए बल के अनुक्रमानुपाती होती है |
F = Ma
तृतीय नियम - क्रिया के प्रति विपरीत प्रतिक्रिया होती है |मेरे प्यारे बच्चों आप इस ब्लॉग पर विधुत से सम्बंधित सभी टॉपिक्स का अध्ययन कर सकते है, विडिओ देख सकते हैं, सीख सकते है | आपको हमारा ब्लॉग कैसा लगा हमें कमेंट माध्यम से बताये एवं आपको किस टॉपिक में समस्या है आप बताये हम उसकी विडिओ एवं नोट्स आपको उपलब्ध कराएंगे |
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