ELECTROSTATICS AND CAPACITANCE

ELECTROSTATICS AND CAPACITANCE


इस पेज में स्थिर विद्युत , चल विद्युत एवं संधारित्र को सरल भाषा में समझाया गया है | इलेक्ट्रिक चार्ज को 


समझया गया है की यह कैसे कार्य करता है| 

 

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इलेक्ट्रिक चार्ज - 

वस्तु सामान्य अवस्था में अपनी उदासीन स्थिति में होती है, जब तक की इलेक्ट्रॉनों में परिवर्तन न किया जाये यदि  उनमे से कुछ इलेक्ट्रॉन बाहर निकल जाते हैं तो प्रोटॉनों की संख्या, इलेक्ट्रॉनों की अपेक्षा अधिक होने के कारण वस्तु धन चार्ज कहलाती है | इसके विपरीत यदि वस्तु कुछ इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेती है तो प्रोटॉनों की अपेक्षा इलेक्ट्रॉनों  की संख्या अधिक होने के कारण वस्तु ऋणात्मक चार्ज कहलाती है इस प्रकार चार्ज दो प्रकार के हैं -

Type of  Electric Charge

1. धनात्मक चार्ज 

2. ऋणात्मक चार्ज 


Electrostatics Force 


विपरीत चार्ज एक दूसरे को आकर्षित करता है परन्तु सामान चार्ज एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं | 




चार्ज सदैव वस्तु की बाहरी सतह ( धरातल ) पर रहता है, यह वस्तु के आकर पर निर्भर करता है |  गोलाकार और

 बेलनाकार वस्तुओं पर यह सामान रूप से बँट जाता है लेकिन किनारे वाली वस्तु ( घन एवं घनाभ के आकर ) के

 कोनों पर चार्ज की मात्रा अधिक होती है | जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है -











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