सरल मशीन ( Simple Machine )क्या है |
मशीन वह प्रबन्धन है, जिसका उपयोग करके हम कम बल लगाकर अधिक कार्य कर यथार्थ अधिक भार को उठाया जा सकता है या इसकी सहायता से कार्य को सरल बनाया जा सकता है | प्यारे बच्चों आज के वर्तमान युग में हम मशीनों से घिरे हुए हैं |
इस पेज में लीवर और सरल मशीन के बारे में समझाया गया है और साथ ही साथ MCQ को भी पद सकते हैं
lever Machine
जैसे - कुँए से पानी खींचना, टायर बदलते समय जैक से गाड़ी को उठाना |
उदाहरण के लिए जब हम किसी कुँए से पानी से भरी बाल्टी को सीधे रस्सी की सहायता से निकलते है तो पानी से भरी बाल्टी को बड़ी मुश्किल से खींच पाते है और इसके विपरीत जब हम इसमें एक युक्ति ( पुली ) लगाकर खींचते है तो पहले से काम बल लगाकर कार्य को कर सकते हैं इस युक्ति को ही सरल मशीन कहलाती है |
सरल मशीन मुख्यतः छः प्रकार की होती है -
1. पुली / घिरनियाँ Pulleys
2. लीवर Lever
3. आनत समतल Inclined Plane
4. पहिया एवं धुरी Wheel and Axle
5. स्क्रू जैक Screw Jack
6. वैज Wedge
प्रयास / शक्ति ( Effort )- मशीन पर लगाए गए बल को हम प्रयास कहते है जिस बल से भार को उठाया जाता है इसे P से प्रदर्शित करते हैं -
भार / लोड ( Load ) - मशीन के द्वारा जिस बल को उठाया जाता है या नियंत्रित किया जाता है वह भार कहलाता है | इसे w से प्रदर्शित किया जाता है |
यांत्रिक लाभ ( Mechanical Advantage ) -
भार तथा प्रयास के अनुपात को यांत्रिक लाभ कहते हैं अधिक भार उठाने के लिए, कम प्रयास लगाया जाये | भार का मान सदैव 1 से अधिक होना चाहिए एक से कम होने पर उसे यांत्रिक हानि कहते हैं |
यांत्रिक लाभ - w / P
वेगानुपात ( Velocity Ratio ) -
यह मशीन में प्रयास द्वारा चली गई दूरी D तथा भार द्वारा चली गई दूरी d के अनुपात को वेगानुपात कहते हैं |
वेगानुपात VR = D / d
दक्षता Efficiency -
आउटपुट तथा इनपुट के अनुपात को दक्षता कहलाती है |
मशीन की दक्षता के लिए इनपुट, प्रयास द्वारा किया गया कार्य होता है | और आउटपुट, लाभकारी कार्य यथार्थ भार को उठाना |
कार्य = बल x दूरी
इनपुट = PxD
आउटपुट = Wxd
दक्षता = O/P / I/P
मशीन की दक्षता = MA / VR
आदर्श मशीन के लिए -
w / P = D / d
प्रश्न 1 . एक साधारण मशीन का वेगानुपात 20 है | 25 Kg के प्रयास से 400 किग्रा का बजन उठाया जाता है यांत्रिक लाभ और दक्षता की गणना करो |
हल - वेगानुपात VR = 20
भार = 400 किग्रा , प्रयास P = 25 किग्रा
यांत्रिक लाभ MA = w / P
MA = 400 / 25
MA = 16
मशीन दक्षता = (MA / VR) * 100 %
= (16 / 20 ) * 100
= 80 %
प्रश्न 2. 5 के वेगानुपात बाली साधारण मशीन के प्रयोग द्वारा 1000 किग्रा का लोड उठाया जाता है मशीन की दक्षता ज्ञात कीजिये | जबकि आरोपित प्रयास 300 किग्रा है |
हल - वेगानुपात VR = 5
भार = 1000 किग्रा , प्रयास P = 300 किग्रा
यांत्रिक लाभ MA = w / P
MA = 1000 / 300
MA = 10 / 3
मशीन दक्षता = (MA / VR) * 100 %
= (10 / 3x5 ) * 100
= 66.66 %
प्रश्न 3. एक लिफ्टिंग मशीन का वेगानुपात 16 है | यह 60 किग्रा भार को 11.5 किग्रा बल लगाकर उठाती है | मशीन का यांत्रिक लाभ तथा दक्षता ज्ञात कीजिये |
इस प्रश्न का हल आप कमेंट में करें जिससे हम समझ सकें कि हमारा प्रयास सफल रहा |
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1. पुलियाँ Pulleys -
यह स्टील या लकड़ी की बनी गोलाकार डिस्क के आकर की बनी होती है इसकी परिधि पर खांचा होता है जिसके चारों ओर रस्सी या तार की डोरी लगी होती है डोरी घूमती है तो घिरनी भी घूमती है |

अ स्थिर घिरनी Fixed Pulley -
इस घिरनी में भार डोरी के एक सिरे पर बंधा रहता है जो घिरनी पर से गुजरती है तथा प्रयास डोरी के दूसरे सिरे पर लगाई जाती है जब L दूरी तक प्रयास लगाया जाता है तो भार भी सामान दूरी तक गति करेगा |
दक्षता = w / P
ब चल घिरनी Movable Pulley -
इसमें डोरी का एक सिरा स्थिर हुक से लगा होता है तथा प्रयास दूसरे सिरे पर लगाई जाती है चल घिरनी के साथ भार w नीचे जाना चाहता है लेकिन खिचाव बल इसे रोके रखता है | इसमें यांत्रिक लाभ 2 से कम होता है |
स डिफरेंशियल घिरनी Differential Pulley -
इसमें दो घिरनियाँ होती है | जो की एक सार्व अक्ष पर घूमती है चित्र के अनुसार
घिरनी A की त्रिज्या = R
घिरनी B की त्रिज्या = r
इनपुट = P x 2 pai R
आउटपुट = w x ( 2 pai R -2pai r ) / 2
= w x Pai ( R - r )
आनत समतल - Inclined Plane
जब कोई भार को किसी टुकड़े को क्षैतिज से किसी कोण ( झुके हुये तल पर ) पर ऊपर की ओर खिसकाया जाता है | चित्र के अनुसार,
आनत तल पर जब कोई भार w रखा जाता है तो वह भार नीचे की ओर कार्य करेगा और इसके क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर अवयव क्रमशः w cos 0 और w sin 0 है |
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लीवर Lever
यह एक छड़ होती है जो कि सीधी या मुड़ी हुई हो सकती है | यह किसी स्थिर बिंदु के सापेक्ष इधर - उधर घूमने के लिए स्वतंत्र होती है, इस स्थिर बिंदु को आलम्ब ( Fulcrum ) कहते है |
उत्तोलक तीन प्रकार के होते हैं |
अ प्रथम वर्ग के उत्तोलक -
इस वर्ग के उत्तोलकों में आलम्ब के एक ओर प्रयास तथा दूसरी ओर भार लगाया जाता है |
यांत्रिक लाभ = w / P = AF /BF
यांत्रिक लाभ भुजा पर निर्भर करता है | यह एक से अधिक तथा एक से कम हो सकता है |
उदाहरण = तुला, कैंची, प्लास बच्चों का झूलने का तख्ता इत्यादि |
ब द्वितीय वर्ग के उत्तोलक -
इस वर्ग में प्रयास और भार आलम्ब के एक ओर होते हैं जिसमे भार, आलम्ब के पास होता है जैसा की चित्र में दर्शाया गया है |
इसमें यांत्रिक लाभ सदैव एक से अधिक होगा |
उदाहरण - सरोता, नींबू निचोड़ने की मशीन इत्यादि |
यांत्रिक लाभ w / P = AF / BF
स तृतीय वर्ग के उत्तोलक -
इस वर्ग में प्रयास और भार आलम्ब के एक ओर होते हैं | जिसमे प्रयास, आलम्ब के पास होता है जैसा की चित्र में दर्शाया गया है |
इसमें यांत्रिक लाभ एक से कम होता है |
उदाहरण - चिमटा, हल इत्यादि |
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प्यारे बच्चों उक्त जानकारी परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, इसमें वस्तुनिष्ट प्रश्न और संख्यात्मक प्रश्न भी हमारे द्वारा जोड़ दिए गए हैं। इसे वीडियो के माध्यम से समझा गया है। विडिओ की लिंक उक्त पोस्ट में दी गई है | आप प्रति दिन ब्लॉग पर आकर न्यू अपडेट की जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
धन्यवाद !
दीपक शर्मा
Nice sir
जवाब देंहटाएंVR = 5.21 दक्षता=23.60%
जवाब देंहटाएंThanks Sir 🙏
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