विधुत में रोजगार के अवसर ( Electrical employment opportunities)

 विधुत में रोजगार के अवसर ( Electrical employment opportunities)

आज का युग विधुत का युग है | किसी भी  विकास विधुत के उत्पादन पर निर्भर करता है आने वाला युग पूर्ण रूप से विधुत पर आश्रित होगा | 

सभी प्रकार के संस्थान एवं इंडस्ट्रीज में बिजली से चलने वाली मशीनें एवं बिजली की इकाई मापने वाले यंत्र होते हैं, मशीन के रख - रखाव, मशीन संचालन एवं अनुरक्षण कार्य हेतु इलेक्ट्रिशन Electrician की आवश्यकता होती है | 

इलेक्ट्रीशियन Electrician - जो व्यक्ति विद्दुत के उपकरणों को सुधारता है, बनता है या विधुत का उत्पादन संचरण एवं वितरण कार्य करता है या इन सभी कार्यों की जानकारी रखता है ऐसे व्यक्ति को इलेक्ट्रिशन कहते हैं | 



वर्तमान युग में बिजली से चलने वाले उपकरणों की माँग प्रायः बढ़ती जा रही है इनकी पूर्ति हेतु इंडस्ट्रीज का निर्माण किया जा रहा है, एक विद्युतकार की आवश्यकता विभिन्न क्षेत्रों में होती है जो की निम्न है | 

1. भारतीय रेलवे में | 

2. भारत की सभी महारत्न, नवरत्न कम्पनी एवं समस्त शासकीय, निजी कम्पनियों में | 

3. इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में | 

4. पावर जनरेशन प्लांट में | 

5. विधुत ट्रांसमिशन एवं पावर ग्रिड 

6. विधुत वितरण एवं सबस्टेशन में | 

7. मोटर रिवाइंडिंग 

8. पावर सब स्टेशन एवं घरेलू वायरिंग स्थापना कार्य हेतु | 

9. घरेलू विधुत उपकरण जैसे पंखा, कूलर, मिक्सर, जूसर एयर कंडीशनर इत्यादि की मरम्मत कार्य में | 

10. परिणामित्र बनाने वाली इंडस्ट्रीज में | 

11. विधुत उपकरण बनाने वाली विभिन्न कम्पनी | 

आइये जानते हैं की एक इलेक्ट्रीशियन कैसे  बनते है- 

भारत सरकार राष्ट्र के आर्थिक विकास में, प्रशिक्षित जान शक्ति उपलब्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यह कौशल विकास एवं उद्द्मिता मंत्रालय ( MSDE ) के अंतर्गत महानिदेशक प्रशिक्षण कार्यक्रम को श्रम बाजार के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार कौशल सभी राज्यों में आधौगिक प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से सिखाया जारहा है -

इलेक्ट्रिशन व्यवसाय दो वर्ष का पाठ्यक्रम है, वर्तमान में यह NSQF Level 5 के अंतर्गत पाठ्यक्रम उपलब्ध है, जिसमे प्रशिक्षणार्थी को चार विषयों अध्ययन कराया जाता है 

1. इलेक्ट्रीशियन व्यवसाय थ्योरी 

2. प्रायोगिक व्यवसाय विद्युतकार 

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस 

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग 

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स 

उक्त सभी विषय का पाठ्यक्रम दो वर्ष का है परन्तु विषय एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स का पाठ्य क्रम एक वर्ष का है प्रति वर्ष परीक्षा ली जाती है जिसमे विषय प्रैक्टिकल एवं इंजीनियरिंग ड्राइंग की परीक्षा ऑफ लाइन कराई जाती है एवं विषय थ्योरी, वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस एवं एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स की परीक्षा ऑनलाइन वस्तुनिस्ट प्रश्नों की संपन्न कराई जाती है | 

प्रथम वर्ष के लिए -

पेपर 1 - विषय - थ्योरी 50 प्रश्न  - 100 अंक 

पेपर 2 - विषय - वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस 25 प्रश्न ( 50 अंक ) + एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स 25 प्रश्न (50 अंक )

पेपर 3 - विषय - इंजीनियरिंग ड्राइंग 

द्वितीय वर्ष के लिए -

पेपर 1 - विषय - थ्योरी 50 प्रश्न  - 100 अंक 

पेपर 2 - विषय - वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस 25 प्रश्न ( 50 अंक ) 

पेपर 3 - विषय - इंजीनियरिंग ड्राइंग 

  व्यवसाय विद्युतकार में आपका स्वागत है

विधुत का हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्व है विद्युत ही आधुनिक सभ्यता का जन्म दाता है यह झोपड़ी से लेकर महल तक रौशनी करता है आज के युग में बिजली के बिना एक दिन निकल पाना सम्भव नहीं है | 

विधुत से ही आधुनिक संसाधनों जैसे मोबाईल, कम्प्यूटर, टी वी, ए सी, मिक्सर एवं फ्रिज आदि उपकरण मानव जीवन के सुखसुविधा पर महत्वपूर्ण निभाते हैं जो की विधुत के बिना सम्भव नहीं है विधुत से दूर संचार संसाधनों, ऑटोमोबाइल सेक्टर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर देश के सुरक्षा संसाधन व्यापारिक, शैक्षणिक तथा तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में विधुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | विधुत का उत्पादन आसान है यह दूर स्थानों पहाड़ो, पर्वतों एवं सभी स्थानों पर विधुत का संचरण सम्भव है यह प्रकृति को हानि नहीं पहुंचता है जो व्यक्ति विधुत के बारे में जानकारी रखता है या जानना चाहता है वह किस्मत का धनी है | 

मेरे प्यारे बच्चों आपका इस ब्लॉग में स्वागत है, आप इस ब्लॉग पर विधुत से सम्बंधित सभी टॉपिक्स का अध्ययन कर सकते है, विडिओ देख सकते हैं, सीख सकते है | आपको हमारा ब्लॉग कैसा लगा हमें कमेंट  माध्यम से बताये एवं आपको किस टॉपिक में समस्या है आप बताये हम उसकी विडिओ एवं नोट्स आपको उपलब्ध कराएंगे |




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