विघुत
परमाणु के अन्दर मौजूद सुक्ष्मतम मूलकणों को इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन न्यूट्रॉन कहते है ।
न्यूट्रॉन्स और प्रोटोन्स परमाणु की नाभि में विद्यमान होते है जबकि परमाणु की नाभिक में कोई भी इलेक्ट्रॉन्स विद्यमान नहीं होते । इलेक्ट्रॉन्स परमाणु में नाभिक से बाहर कक्षाओं में चक्कर लगते है । इलेक्ट्रॉन्स सदैव नाभिक के चारों अलग अलग कक्षाओं में घूमते रहते है ठीक उसी तरह जिस तरह की सौर मंडल में ग्रह सूर्य के चक्कर लगते रहते है ।
इलेकट्रॉन्स - इलेक्ट्रान वह कण होते है जिनमे ऋणात्मक आवेश विद्यमान होता है । इलेक्ट्रॉन्स वजन में बहुत ही हल्के होते है ।
प्रोटोन्स- प्रोटोन्स वह कण होते है जिनमे धनात्मक आवेश विद्यमान होता है । प्रोटोन्स वजन में कुछ भारी होते है ।
न्यूट्रॉन्स- न्यूट्रॉन्स वह कण होते है जिनमे कोई भी आवेश विद्यमान नहीं होता है ।यह कण न्यूट्रल होते है ।
इलेक्ट्रॉन्स वजन में बहुत हलके होते है
मुक्त इलेक्ट्रॉन्स (स्वतन्त्र इलेक्ट्रॉन्स) - परमाणु में नाभिक के निकट घूमने वाले इलेक्ट्रॉन्स आकर्षण के कारण नाभिक की और खिचे रहते है । जबकि नाभिक से दूर घूमने वाले इलेक्ट्रॉन्स पर आकर्षण बाल कम हो जाता है जिसके कारण ये इलेक्ट्रॉन्स एक दूसरे से अपना स्थान बदलते रहते है । इन इलेक्ट्रॉन्स का अपना कोई भी न तो विशेष स्थान होता है और न ही अपना कोई परिपथ । यह बिना आकर्षण बल के कारण स्वतन्त्र रूप से घूमते रहते है तथा मुक्त इलेक्ट्रॉन्स कहलाते है ।
बिघुत धारा - जब किसी चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन्स एक स्थान से दूसरे स्थान पर गतिमान होते है तो इलेक्ट्रॉन्स के इस बहाव को विघुत धारा कहते है । अर्थात कंडक्टर में इलेक्ट्रॉन्स के बहाव को इलेक्ट्रिक करंट कहते है । करंट को ( I ) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तथा करंट इकाई एम्पियर ( A ) है ।
वोल्टेज -किसी सर्किट के सिरों पर लगने वाला विघुत वाहक बल वोल्टेज कहलाता है । वोल्टेज की इकाई वोल्ट है इसे वोल्ट में नापा जाता है तथा वोल्टेज को V से प्रदर्शित किया जाता है।
विभान्तर - वह वोल्टेज जिसके कारण वश इलेक्ट्रॉन्स इलेक्ट्रिक सर्किट में बहन शुरू करते है विभान्तर कहलाता है । पोटेंशियल डिफ्रेंस को V द्वारा दर्शाया जाता है और इकाई वोल्ट है ।
विघुत वाहक बल - विघुत परिपथ में लगने वाला वह दबाब जो इलेक्ट्रॉन्स को परिपथ में बहने के लिए बाध्य करता है विघुत वाहक बल कहलाता है । इसकी मात्रा विभान्तर से सदैव अधिक होती है । इसकी इकाई वोल्ट है और V से दर्शाया जाता है ।
एक कूलम्ब- यदि एक एम्पीयर करंट एक सेकंड में बहे तो एक कूलम्ब कहलाता है । कूलम्ब आवेश की इकाई है।
Q = It
Q- आवेश, I- विघुत धारा, t- समय
Q = It
Q- आवेश, I- विघुत धारा, t- समय
वोल्टेज की इकाई वोल्ट है यह प्रतिरोध तथा करंट का गुणा होता है । ओम के नियम से-
V=IR
V=IR
प्रतिरोध - प्रतिरोध प्रदार्थ का वह गुण है जो विघुत धारा के मार्ग में रूकावट उत्पन्न करता है । रेजिस्टेंस की इकाई ओह्म है और इसे R से दर्शाते है ।
प्रतिरोध को नापने के लिए ओह्म मीटर का प्रयोग किया जाता है । प्रतिरोध चालक के क्षेत्र के विलोमानुपाती होता है तथा चालक की लम्बाई के समानुपाती होता है ।
विशिष्ट प्रतिरोध - किसी भी प्रदार्थ के 1 सेंटी मीटर लंबे 1 सेंटी मीटर चौडे और 1 सेंटी मीटर मोटे घन की किन्ही दो समान्तर सतहों के बीच का प्रतिरोध उस प्रदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध कहलाता है ।
इस ब्लॉग पर आईटीआई इलेक्ट्रीशियन के छात्रों की आगामी परीक्षाओ में आने वाले पश्नों को बताया जायेगा
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जिससे आगामी परीक्षा में अव्वल अंक प्राप्त कर अपने उज्वल भविष्य को संभारे निरंतर ज्ञान प्राप्त करने हेतु आप हमसे जुड़े रहे हम आपके उज्वल भविष्य की कामना करते है
Nic
जवाब देंहटाएंNic
जवाब देंहटाएंNic
जवाब देंहटाएंvery nice sir ji sir ji iti instructor compitition ke liy bhi
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